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मिलावट की चालाकी
आबकारी विभाग की टीम ने पाया कि आरोपी एक सफेद रंग की पतली पाइप का उपयोग करते थे। इस पाइप को बोतल की सील के पास डालकर थोड़ी मात्रा में शराब निकाल ली जाती थी। उसके बाद उसी पाइप से पानी मिलाकर बोतल को फिर से सील कर दिया जाता था। इससे बोतल बाहर से बिल्कुल असली जैसी लगती थी और ग्राहक को धोखा मिल जाता था।
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स्टॉक की जब्ती
कार्रवाई के दौरान विभाग ने करीब 20 मिलावटी बोतलें और बाकी का पूरा स्टॉक जब्त किया। आरोपी रोज़ाना यही धंधा करते थे और महंगी शराब की बोतलों में से शराब निकालकर अलग बेचते थे। वहीं पानी मिली हुई बोतलें दुकानों तक पहुँचाकर ग्राहकों को ठगा जा रहा था।
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तीन आरोपी हिरासत में
इस मामले में विभाग ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। प्राथमिक जांच से संकेत मिले हैं कि यह कोई छोटा स्तर का धंधा नहीं बल्कि एक बड़े सिंडिकेट का हिस्सा है। विभाग इस बात की तहकीकात कर रहा है कि इस रैकेट के पीछे कौन लोग शामिल हैं और कितने समय से यह धंधा चल रहा था।
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विभाग की चेतावनी और अपील
राज्य आबकारी विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की मिलावट से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा हो सकता है। विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे शराब खरीदते समय सील, बोतल की क्वालिटी और ब्रांड मार्किंग की सावधानीपूर्वक जांच करें। किसी भी तरह की संदिग्ध बोतल की सूचना तुरंत नजदीकी आबकारी कार्यालय को दें।
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