पुलिस हिरासत के दूसरे दिन आरोपी पत्नी चमन चौहान ने किये चौंकाने वाला खुलासे किए हैं,चमन ने क्राइम सीन पर ले जाकर हत्या की रात का राज खोला और मृतक विजय चौहान का वो फोन भी बरामद हुआ, जो 1 जुलाई से बंद था।
वसई,25 जुलाई: मुंबई से सटे पालघर जिले के नालासोपारा इलाके में सामने आया विजय चौहान हत्याकांड अब एक रोमांचक और दिल दहला देने वाली जांच की ओर बढ़ रहा है। 21 जुलाई को अचानक उस वक्त सनसनी फैल गई थी, जब विजय के भाई को विजय चौहान का शव उसी के घर में 6 फीट नीचे टाइल्स में दबा मिला था।
घटना की सूचना मिलते ही नालासोपारा की पेल्हार पुलिस ने मृतक विजय की बीवी चमन चौहान और उसके प्रेमी मोनू शर्मा की तलाश शुरू करदी थी। महज 24 घंटे के भीतर दोनों को चमन के बेटे सहित पुणे से हिरासत में लिया था। मां और प्रेमी मोनू के साथ गए चमन चौहान के ६ वर्षीय बेटे ने कथित तौर पर अपने चाचा को बताया कि वे पहले नालासोपारा पश्चिम स्थित ‘कलंब बीच‘ गए थे जहां उन्होंने पहली रात बिताई थी और वहां रात रुकने के बाद पुणे पहुंचे जहां चमन को उनके बेटे के साथ देखा गया था ,जहां से दोनों को पेल्हार पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
गिरफ्तारी के बाद 22 जुलाई 2025 को दोनों को वसई स्थित अदालत में पेश किया गया था,जहां से उन्हें 7 दिन (30 जुलाई 2025 तक ) की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।तब जाके पुलिस की असली पड़ताल शुरू हुई। पहले दिन ही जब पुलिस द्वारा दोनों से पूछताछ शुरू हुई, तो दोनों विरोधाभासी बयान दे रहे थे,जिससे दोनों के बयान आपस में मेल नहीं खा रहे थे।
👉 चमन देवी पूरे आरोप अपने सिर ले रही थी,
👉 जबकि मोनू शर्मा दावा कर रहा था कि वह भी इस साजिश में शामिल था।
पुलिस ने तुरंत रणनीति बदली और अलग-अलग पूछताछ की, ताकि सच उगलवाया जा सके।
दूसरा दिन – क्राइम सीन रिक्रिएशन और सबूतों की तलाश
मीरा भायंदर वसई विरार आयुक्तालय की पेल्हार पुलिस के अनुसार ने आज यानि पुलिस हिरासत के दूसरे दिन (25 जुलाई 2025) चमन को लेकर उसके घर नालासोपारा पूर्व स्थित धानीव बाग़, गांगडी पाड़ा स्थित साईं वेलफेयर सोसाइटी पहुंची, जहां हत्या के बाद शव को दफनाया गया था। इस दौरान पुलिस ने मौके पर क्राइम सीन को रिक्रिएशन किया और शव को ठिकाने लगाने और गड्ढा खोदने के लिए उपयोग में लाये गए फावड़ा और घमेला बरामद किया, जिससे जमीन खोदकर शव दबाया गया था। उसने हत्या की पूरी कहानी बयान की और शव को ठिकाने लगाने के लिए खोदे गए गड्ढे के अंदर से विजय का मोबाइल फोन भी बरामद कराया, जो कथित तौर पर बीते 1 जुलाई 2025 से बंद था।
(फिलहाल जांच प्रक्रिया का यह शुरूआती दौर है और जांच की दिशा में आगे कई और तथ्य बदल सकते हैं, इस खबर में कई अहम् जानकारियां, दावे सूत्रों द्वारा प्राप्त हुईं हैं, जिसकी आधिकारिक पुष्टि होना अभी बाकी है, जो पुलिस की जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सामने आएगी।)
अहम सबूत – मोबाइल फोन की चुप्पी ने खोल दी पोल
एक तथ्य यह भी सामने आया कि विजय चौहान का मोबाइल फोन 1 जुलाई 2025 की रात से ही बंद था,जो इस बात की ओर इशारा करता है कि शायद उसकी हत्या उसी रात की गई थी।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि चमन चौहान ने पुलिस को बताया कि 1 जुलाई की शाम को मृतक पति विजय चौहान को उनके अफेयर की जानकारी हो गई थी। इसके बाद विजय ने चमन को जमकर पीटा था, जिसके निशान उसने पुलिस को दिखाए। शक जताया जा रहा है कि इसी रात विजय की हत्या कर दी गई थी।
अब पुलिस के पास 5 दिन की हिरासत और है।हर दिन इस रहस्य के और गहरे सच बाहर आ सकते हैं।
इन सवालों के जवाब अभी बाकी हैं… अब देखना ये होगा कि आने वाले दिन इस कहानी को किस अंजाम तक पहुंचाते हैं।
- क्या ये हत्या एक आवेग में की गई या पहले से रची गई साजिश थी?
- क्या ये केवल अफेयर का मामला था या इसके पीछे और भी कोई कड़ियां छुपी हैं?
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