❝ओला की नीतियों ने छीन ली एक ज़िंदगी” !- परिवार का गंभीर आरोप
मेट्रो सिटी समाचार | विशेष रिपोर्ट | 📍 नालासोपारा (पूर्व), 17 जुलाई 2025
नालासोपारा पूर्व के बिलालपाड़ा इलाके में बुधवार शाम एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। 47 वर्षीय टैक्सी ड्राइवर सनोज सक्सेना ने आर्थिक तंगी और कंपनी की कथित शोषणकारी नीतियों से तंग आकर जहरीला पदार्थ पीकर आत्महत्या कर ली।
परिवार ने ओला कैब कंपनी को सीधे तौर पर इस आत्महत्या के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है।
🧾 परिवार की व्यथा: “ओला की नीतियों ने हमें तबाह कर दिया”
पीड़ित परिवार ने बताया कि पेशे से ड्राइवर सनोज सक्सेना ने अपनी टैक्सी ओला प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर कर नियमित तौर पर सेवाएं दी थीं। उनकी पत्नी और तीन बच्चों (एक बेटा, दो बेटियां) के साथ उनका छोटा सा परिवार जैसे-तैसे जीवन बिता रहा था।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस परिवार की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी। सनोज सक्सेना के ऊपर गाड़ी की EMI, घर का खर्च, और बढ़ते कर्ज का दबाव था। उनके बेटे ने एक स्थानीय गैराज में काम करना शुरू किया था, ताकि कुछ मदद हो सके। उनकी छोटी बेटी और पत्नी मिलकर काम ढूंढने बाहर निकली थीं, और बड़ी बेटी गांव में रहती है।
परिवार का कहना है कि
> “सनोज जी हर दिन हालातों से लड़ते रहे, लेकिन ओला की नीतियों ने उनकी कमाई का रास्ता बंद कर दिया। धीरे-धीरे घर की गाड़ी पटरी से उतर गई और अंततः उन्होंने जीवन से हार मान ली।”
16 जुलाई की शाम जब घर में केवल सनोज ही मौजूद थे, उन्होंने ज़हरीला पदार्थ खा लिया। पत्नी और बेटियां किसी काम से बाहर गई थीं। जब वे लौटे तो उन्हें बेसुध पाया और पड़ोसियों की मदद से विजयनगर अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
🆘 “एंबुलेंस के लिए भी पैसे नहीं थे”
परिवार की हालत इस कदर खराब है कि सनोज सक्सेना की मौत के बाद अस्पताल ले जाने के लिए उनके पास एम्बुलेंस बुलाने तक के पैसे नहीं थे। एक पड़ोसी ने उन्हें अपना मोबाइल और ₹1000 उधार दिए, तब जाकर अस्पताल तक पहुंच सके।
परिवार ने बताया कि अब अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं हैं, और शासन से तत्काल आर्थिक मदद की मांग की है।
🗣️ ड्राइवरों का फूटा ग़ुस्सा – ओला का बहिष्कार
इस घटना के बाद नालासोपारा पूर्व स्थित विजयनगर अस्पताल में सैकड़ों ओला-उबर ड्राइवर एकत्रित हो गए। उन्होंने ओला के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और कंपनी के बहिष्कार की घोषणा की।
ड्राइवरों ने कहा:
> “ओला-उबर जैसी कंपनियां ड्राइवरों से गुलामों जैसा व्यवहार करती हैं। उन्हें इंसान नहीं समझतीं। जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, हम पूरे मुंबई में विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।”
📍 पृष्ठभूमि में उबलता आंदोलन
पिछले कुछ हफ्तों से मुंबई के आज़ाद मैदान में ओला-उबर ड्राइवर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। ड्राइवरों का आरोप है कि कंपनियां भुगतान में कटौती, बोनस में धोखाधड़ी और लाभकारी राइड्स की ब्लॉकिंग जैसे हथकंडे अपना रही हैं।
ड्राइवरों ने महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सर नायक से हस्तक्षेप की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया है।
🚨 पुलिस ने दर्ज की एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट
नालासोपारा पुलिस ने ADR (Accidental Death Report) दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। परिवार की शिकायत और जन आक्रोश को देखते हुए मामले की जांच में तेजी लाने की मांग उठ रही है।
🧾 परिवार और ड्राइवरों की मांग:
1. ओला कंपनी की नीतियों की निष्पक्ष जांच की जाए।
2. परिवार को आर्थिक सहायता और मुआवजा दिया जाए।
3. ऐसे शोषण के मामलों में कानूनी कार्रवाई हो।
4. ओला-उबर के खिलाफ चल रहे आंदोलन को सरकार संज्ञान में ले।
5. कंपनी को महाराष्ट्र में बैन करने पर विचार हो।
🛑 यह घटना केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि एक सिस्टम की विफलता का प्रतीक है। यदि इस पर तत्काल कार्यवाही नहीं हुई, तो यह मामला और भी भयावह रूप ले सकता है।
📝 रिपोर्ट: मेट्रो सिटी समाचार टीम
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