मीरा-भाईंदर में ओसवाल बिल्डर्स पर करोड़ों की ठगी और अवैध निर्माण का मामला सामने आया। मुख्य आरोपी उमरावसिंह ओसवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया। नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह।
मीरा रोड,31 अगस्त: मीरा-भाईंदर क्षेत्र में ओसवाल बिल्डर्स लिमिटेड पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि कंपनी ने निर्माण परमिट और नक्शे में हेरफेर कर मंजूरी से अधिक मंज़िलों का अवैध निर्माण किया और उन फ्लैटों की बिक्री कर नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी की। मामले की शिकायत नयानगर पुलिस स्टेशन में धारा 420, 406, 456, 468, 471, 462, 484, 34 के अंतर्गत 16 मई 2025 को दर्ज की गई।
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पुलिस की कार्रवाई
इस मामले की जांच पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक, उपायुक्त संदीप डोइफोडे और सहायक आयुक्त मिलिंद पटेल के मार्गदर्शन में की जा रही है। अपराध शाखा के अधिकारी सपोनि नितिन चौधरी की अगुवाई में विशेष जांच टीम ने अवैध निर्माण और बिक्री में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान की।
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मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
जांच में सामने आया कि बिल्डर उमरावसिंह पृथ्वीराज ओसवाल मुख्य आरोपी है। पुलिस जब उसे पकड़ने पहुंची तो उसने भागने का प्रयास किया, लेकिन प्रभारी निरीक्षक सुशीलकुमार शिंदे और उनकी टीम ने तकनीकी निगरानी के माध्यम से उसे गिरफ्तार कर लिया। बाद में आरोपी को अदालत में पेश किया गया और पुलिस हिरासत में भेजा गया।
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पुराने आपराधिक रिकॉर्ड
उमरावसिंह ओसवाल के खिलाफ पहले भी मीरा रोड, नवघर, नयानगर और काशीमीरा पुलिस स्टेशनों में 13 मामले दर्ज हैं। इनमें एमआरटीपी एक्ट, अवैध निर्माण, धोखाधड़ी और जालसाजी शामिल हैं। पिछले वर्षों में 1998, 2000, 2004, 2011, 2012 और 2024 में भी आरोपी पर विभिन्न अपराध दर्ज हो चुके हैं।
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नागरिकों के साथ धोखाधड़ी
जांच से स्पष्ट हुआ कि आरोपी ने अवैध निर्माण की मंजूरी प्राप्त नक्शे से अधिक मंज़िलों का निर्माण कर उनकी बिक्री की और फ्लैट धारकों से करोड़ों रुपये ऐंठे। इससे कई नागरिकों को आर्थिक और मानसिक नुकसान हुआ।
मीरा-भाईंदर पुलिस ने यह मामला व्यापक आर्थिक अपराध मानते हुए आरोपी को हिरासत में लिया है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि संपत्ति खरीदने से पहले उसकी वैधता पूरी तरह जांच लें ताकि भविष्य में धोखाधड़ी से बचा जा सके।
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