पालघर जिले में आयोजित होने वाले रानभाजी महोत्सव से आदिवासी समाज की पारंपरिक रानभाजियों और औषधीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। इससे आदिवासी लाभार्थियों की आय और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
पालघर,26अगस्त: पालघर जिले में आगामी दिनों में ‘रानभाजी महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति समाज को पारंपरिक रानभाजियों, औषधीय पौधों और खाद्य उत्पादों के जरिए आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करना है। साथ ही, इन उत्पादों का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार करना भी इस पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- कई तालुकों के लाभार्थियों की भागीदारी
इस महोत्सव में जव्हार, मोखाडा, विक्रमगड और वाडा तालुका के आदिवासी लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा। यह कार्यक्रम न्यूक्लियस बजट योजना 2025-26 के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है। एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प, जव्हार के प्रकल्प अधिकारी डॉ. अपूर्वा बासुर ने बताया कि इस पहल से आदिवासी समाज को नए रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में अवसर मिलेंगे।
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- प्रदर्शन, बिक्री और आयवृद्धि की संभावना
महोत्सव में गांवों में उपलब्ध रानभाजियां, रानफल, वनौषधियां और अन्नधान्य का प्रदर्शन और बिक्री की जाएगी। इस अवसर पर आदिवासी लाभार्थियों को अपने उत्पादों को सीधे बाजार तक पहुंचाने का अवसर मिलेगा। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि औषधीय गुणकारी रानभाजियों का प्रसार भी बड़े पैमाने पर होगा।
- आवश्यक सामग्री और जनजागरण अभियान
कार्यक्रम में शामिल होने वाले लाभार्थियों को वजनकाटा, कैरेट, फोल्डिंग स्टॉल और प्लास्टिक टेबल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही, गावों में आयोजित होने वाले मेलों में सरकारी योजनाओं की जानकारी भी नागरिकों तक पहुंचाई जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से पारंपरिक पाककला को प्रोत्साहन मिलेगा और आदिवासी समाज की आजीविका और मजबूत होगी।
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