खस्ताहाल NH-48 और देशभर में बढ़ते सड़क हादसों को लेकर नितिन गडकरी ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए—जनवरी-जून 2025 में 27,000 मौतें, हर घंटे 19 जानें जा रहीं।
देश, 31 जुलाई: देश के राज मार्गो पर दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे हर दिन हजारों लोगों की जानें जा रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में बताया कि जनवरी से जून 2025 के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 27 हज़ार लोगों की मौत हुई है। बीते साल 2024 में देश में 52,000 से ज्यादा घातक सड़क हादसे दर्ज किए गए, जो चिंताजनक आंकड़ें है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, रोजाना औसतन 1,264 सड़क हादसे होते हैं, जिनमें 462 से अधिक लोगों की जानें जाती हैं और हर घंटे लगभग 53 दुर्घटनाएं होती हैं और 19 लोगों की मौत हो जाती है।
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राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-48 (Mumbai Ahmedabad National Highway) के घोडबंदर से तलासरी तक के मार्ग की खराब सड़क स्थिति भी हाल ही में सुर्खियों में आई है। महाराष्ट्र के पालघर सांसद डॉ हेमंत सवरा ने इस हिस्से की तत्काल मरम्मत और तकनीकी ऑडिट की मांग की है क्योंकि बारिश के कारण बड़े-बड़े और जानलेवा गड्ढे बन गए हैं, जो हादसों का कारण बन रहे हैं। इसके अलावा, पिछले तीन वर्षों में 1,12,561 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का रोड सेफ्टी ऑडिट किया गया है, लेकिन सड़क निर्माण की गति धीमी रही है। 2024-25 में सिर्फ 10,660 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए गए, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम है। कुल 489 सड़क परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण और मंजूरी में देरी के कारण अटकी हुई हैं।
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‘सेव लाइफ फाउंडेशन’ के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में भारत में 13 लाख ,81 हज़ार ,314 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए और 50 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राजधानी नई दिल्ली में दुर्घटना दर ब्रिटेन के लंदन से 40 गुना अधिक है। 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें 1.6 लाख से ऊपर पहुंच सकती हैं। यह स्थिति सरकार और समाज दोनों के लिए चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देकर और खासकर राष्ट्रीय राजमार्ग- 48 जैसे अहम मार्गों की मरम्मत कराकर लाखों जानों को बचाया जा सकता है।
NH-48 (मुंबई-अहमदाबाद नेशनल हाईवे) पर वर्ष 2024 में कुल 169 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 83 लोगों की मृत्यु हुई। ये दुर्घटनाएँ मुख्य रूप से पालघर जिले के हिस्से में रिपोर्ट हुई हैं, जहाँ व्हाइट टॉपिंग परियोजना के चलते निर्माण कार्य जारी था। इन हादसों का प्रमुख कारण अधूरी सड़कें, गड्ढे, अव्यवस्थित ट्रैफिक प्रबंधन और आवश्यक सेफ्टी उपायों की कमी बताई गई है।
हालाँकि पूरे देश में 2025 की पहली छमाही (जनवरी–जून) में सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 27,000 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु हुई है, लेकिन NH-48 पर विशेष तौर पर दर्ज की गई मौतें उपरोक्त आंकड़ों के अनुसार हैं।
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वर्ष 2024 (जनवरी–दिसंबर): 169 सड़क दुर्घटनाएँ, 83 मौतें (NH-48 पालघर सेक्शन)
ये आँकड़े स्थानीय पुलिस अधीक्षक और संबंधित अधिकारियों द्वारा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को लिखे गए पत्र के आधार पर सार्वजनिक किए गए हैं, जिनमें रोड सेफ्टी उपायों और निर्माण गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई गई है।
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