🔎 पुलिस का पक्ष: ठोस फॉरेंसिक सबूत
मुंबई के बांद्रा कोर्ट में दायर जवाब में पुलिस ने कहा है कि फॉरेंसिक जांच में यह साबित हुआ है कि:
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हमले में अभिनेता की रीढ़ के पास जो चाकू घुसा था, उसके टुकड़े घटनास्थल और आरोपी के पास से बरामद चाकू से मेल खाते हैं।
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ये तीनों टुकड़े एक ही चाकू के हैं, जिससे अभिनेता पर हमला किया गया था।
👤 आरोपी का दावा: “काल्पनिक कहानी”
आरोपी शरीफुल इस्लाम ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया है कि उसके खिलाफ दर्ज FIR काल्पनिक है और उसके पास कोई ठोस सबूत नहीं है। उसने खुद को निर्दोष बताते हुए अदालत से रिहाई की मांग की है।
🌍 अवैध नागरिकता पर भी सवाल
पुलिस ने यह भी जानकारी दी है कि आरोपी बांग्लादेश का नागरिक है, जो भारत में अवैध रूप से रह रहा है। पुलिस ने आशंका जताई है कि यदि आरोपी को जमानत दी गई, तो वह:
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देश छोड़कर भाग सकता है,
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अदालती कार्यवाही में हाजिर नहीं होगा,
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सबूतों को प्रभावित कर सकता है।
⚖️ अगली सुनवाई 1 अगस्त को
कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 1 अगस्त तय की है। पुलिस ने अनुरोध किया है कि आरोपी को गंभीर अपराध और पर्याप्त सबूतों के आधार पर जमानत न दी जाए।
🔍 निष्कर्ष
सैफ अली खान पर हमला भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक चौंकाने वाली घटना रही है। आरोपी की पृष्ठभूमि, फॉरेंसिक सबूत और उसके देश छोड़कर भागने की आशंका को देखते हुए यह केस अब अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा से भी जुड़ता नजर आ रहा है। अदालत अब यह तय करेगी कि सबूतों के आधार पर आरोपी को ज़मानत दी जानी चाहिए या नहीं।
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