Home ताजा खबरें नागपुर में दर्दनाक हादसा: पत्नी की लाश बाइक पर बांधकर ले गया पति, मदद न मिलने का आरोप
ताजा खबरेंमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

नागपुर में दर्दनाक हादसा: पत्नी की लाश बाइक पर बांधकर ले गया पति, मदद न मिलने का आरोप

बाइक पर पत्नी का शव लेकर जा रहे अमित यादव - सिवनी सड़क हादसा
बाइक पर पत्नी का शव लेकर जा रहे अमित यादव - सिवनी सड़क हादसा

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के रहने वाले अमित यादव को उस समय दिल दहला देने वाले हालात का सामना करना पड़ा जब उनकी पत्नी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। मदद नहीं मिलने पर उन्होंने शव को बाइक से बांधकर घर ले जाने का फैसला किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

नागपुर,11अगस्त: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के निवासी अमित यादव को उस वक्त हृदय विदारक परिस्थिति का सामना करना पड़ा जब नागपुर-जबलपुर हाईवे पर एक ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में उनकी पत्नी ग्यारसी यादव की मौके पर ही मौत हो गई।

🛣️ मदद की उम्मीद में घंटों इंतजार… कोई नहीं रुका

हादसे के बाद अमित यादव ने घंटों तक सड़क किनारे मदद की गुहार लगाई। राहगीरों, वाहन चालकों और आस-पास के दुकानदारों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने न रुककर इंसानियत दिखाई, न प्रशासन ने कोई त्वरित मदद भेजी। अमित ने कई बार 108 और 100 नंबर पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन कोई एंबुलेंस या पुलिस वाहन समय पर नहीं पहुंचा।

🛵 शव को बाइक पर बांधकर लौटे घर

मजबूरी में, अमित ने अपनी पत्नी के शव को कपड़े और बाइक की रस्सियों से बांधा और अकेले ही उसे गांव की ओर ले जाने लगे। रास्ते में लोगों ने वीडियो तो बनाया, कुछ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, लेकिन कोई भी आगे बढ़कर मदद नहीं कर सका। वायरल वीडियो में अमित की आंखों में दर्द, डर और लाचारी साफ झलकती है।

नागपुर-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू: अब 12 घंटे में होगा सफर, जानिए समय, किराया और स्टेशन

👮‍♂️ पुलिस ने शव को कब्जे में लिया, सवाल उठे सिस्टम पर

कुछ किलोमीटर आगे जाकर हाईवे पेट्रोलिंग पुलिस ने उन्हें रोका। पहले वीडियो बनाया गया, फिर शव को नागपुर के मेयो अस्पताल भेजा गया। वहां पोस्टमॉर्टम हुआ, लेकिन तब तक यह मामला सोशल मीडिया पर देशभर की संवेदनाओं को झकझोर चुका था।

प्रशासन और समाज के लिए गंभीर सवाल

  • क्या आज के भारत में एक आम आदमी को आपात स्थिति में भी इतनी उपेक्षा झेलनी पड़ेगी?

  • क्या हमारी मानवीय संवेदनाएं केवल कैमरे तक सीमित रह गई हैं?

  • क्या हमारा सिस्टम इतना असहाय हो चुका है कि एक शव को ले जाने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं कर सका?

🔍 विश्लेषण और निष्कर्ष:

यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि हमारे तंत्र, समाज और संवेदनशीलता की सामूहिक विफलता है। अमित यादव की विवशता ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या तकनीक, कानून और सुविधाओं से लैस हमारा समाज आज भी असली मानवीय ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम है?

पालघर की महिला की ट्रैफिक जाम में एंबुलेंस फंसने से मौत, समय पर इलाज न मिलने से गई जान

Recent Posts

Related Articles

Share to...