राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की बहुप्रतीक्षित साझेदारी को बड़ा झटका लगा है। BEST वर्कर्स को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में ‘उत्कर्ष पैनल’ एक भी सीट नहीं जीत सका।
मुंबई, 20 अगस्त: मुंबई में होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव से पहले ठाकरे बंधुओं को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की बहुप्रतीक्षित साझेदारी पहली ही परीक्षा में असफल साबित हुई। BEST वर्कर्स को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में गठित ‘उत्कर्ष पैनल’ एक भी सीट नहीं जीत पाया।
🗳️ शशांक राव गुट का दबदबा
चुनाव में शशांक राव के नेतृत्व वाले गुट ने 21 में से 14 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। वहीं भाजपा नेता प्रसाद लाड के ‘श्रमिक पैनल’ को 7 सीटें मिलीं। ठाकरे परिवार की कमगार सेना का BEST यूनियन पर कभी गहरा प्रभाव रहा है, लेकिन इस बार परिणाम ने संकेत दिया कि ठाकरे ब्रांड का असर अब कमजोर पड़ रहा है।
⚡ गठबंधन का “ट्रायल रन” असफल
यह चुनाव राज और उद्धव ठाकरे की साझेदारी का पहला मौका था। राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे “ट्रायल रन” करार दिया था, जिससे BMC चुनाव की रणनीति और जनाधार को परखा जाना था। लेकिन यह हार कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच नए सवाल खड़े कर रही है कि क्या ठाकरे नाम अभी भी मुंबई की राजनीति में उतना प्रभाव रखता है?
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🗣️ भाजपा का तंज
चुनाव नतीजों के बाद भाजपा नेता प्रसाद लाड ने सोशल मीडिया पर लिखा,“ब्रांड के मालिक एक भी सीट नहीं जीत सके, हमने उन्हें उनकी औकात दिखा दी।” यह बयान साफ तौर पर ठाकरे बंधुओं की नाकामी को उजागर करता है।
🚩 BMC चुनाव में बढ़ी चुनौती
यह हार केवल प्रतीकात्मक नहीं है बल्कि आगामी BMC चुनाव में ठाकरे बंधुओं के लिए एक बड़ी चुनौती भी बन गई है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अब ठाकरे परिवार को अपनी रणनीति और संगठन पर दोबारा काम करना होगा।
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