सूत्रों के अनुसार, यह घटना बुधवार सुबह (दिवाली के दिन) की है। वसई पश्चिम स्थित यह किला मुंबई, ठाणे और पालघर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। सप्ताहांत और छुट्टियों के दिनों में यहां प्री-वेडिंग शूट, म्यूज़िक वीडियो, फिल्मों और रील्स की शूटिंग के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
लेकिन इस बार मामला अलग था — एक युवक छत्रपति शिवाजी महाराज की पारंपरिक मराठा वेशभूषा पहनकर शूटिंग करने पहुंचा। सुरक्षा कर्मियों ने उसे किले के अंदर फिल्मांकन की अनुमति नहीं दी और चित्रीकरण रोक दिया। इस पर युवक ने विरोध जताते हुए कहा कि—
“किले में आए प्रेमी जोड़े और डांस करने वाले युवाओं को कोई नहीं रोकता, लेकिन जब कोई शिवाजी महाराज के रूप में सम्मानजनक वीडियो बनाना चाहता है, तो उसे रोका जाता है।”
युवक ने यह भी आरोप लगाया कि वहां तैनात सुरक्षा गार्डों को मराठी भाषा तक नहीं आती, जो महाराष्ट्र की ऐतिहासिक धरोहर पर तैनात कर्मियों के लिए शर्मनाक है। उसने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि “इतिहास और संस्कृति का सम्मान करने वालों को यहां अपराधी जैसा व्यवहार झेलना पड़ता है।”
वायरल वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कई यूजर्स ने युवक के पक्ष में टिप्पणी करते हुए कहा कि “अगर वसई किला महाराष्ट्र की गौरवशाली विरासत है, तो वहां शिवाजी महाराज के रूप में शूटिंग रोकना अनुचित है।” वहीं कुछ लोगों ने पुरातत्व विभाग और सुरक्षा कर्मियों के रवैये पर सवाल उठाए हैं।
दूसरी ओर, कुछ नेटिज़न्स ने यह भी कहा कि किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के नियंत्रण में है, और वहां किसी भी तरह की शूटिंग के लिए पहले से अनुमति लेना जरूरी है। इसलिए सुरक्षा कर्मियों ने नियमों के अनुसार काम किया है।
वर्तमान में वसई किले पर यह वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसे विवादों से बचने के लिए सरकार को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए, ताकि सांस्कृतिक या ऐतिहासिक थीम पर बनने वाले वीडियो और शूटिंग को अनावश्यक विवाद का सामना न करना पड़े।