वसई (पूर्व) के चिचोटी से लेकर पोमन तक औद्योगिक क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है, जिससे न केवल आम उपभोक्ताओं को बल्कि उद्योगों को भी गंभीर नुकसान झेलना पड़ रहा है। कई उद्योगों में उत्पादन ठप हो गया है और उन्हें अस्थायी रूप से बंद करने की नौबत आ गई है।
जानकारों के अनुसार, चिचोटी से पोमन के बीच केवल पिछले कुछ वर्षों में ही छोटे-बड़े करीब 400 उद्योग स्थापित हुए हैं। इन उद्योगों को बिजली की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। कई उद्योगों में 6 से 8 घंटे तक की बिजली कटौती हो रही है, जिससे उत्पादन रुक गया है और कर्मचारियों को काम से छुट्टी देनी पड़ रही है।
हजारों रोज़गार पर संकट
बिजली संकट का सीधा असर मजदूरों और कर्मचारियों पर पड़ रहा है। हजारों लोगों की रोज़गार पर संकट मंडरा रहा है। कुछ उद्योगों ने तो बिजली की अनिश्चितता को देखते हुए उत्पादन बंद करने की चेतावनी तक दे दी है।
नालासोपारा उपकेंद्र पर बढ़ा लोड
वर्तमान में नालासोपारा उपकेंद्र से ही इस क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की जा रही है। उद्योगों की संख्या बढ़ने से यह उपकेंद्र अब अतिरिक्त लोड नहीं झेल पा रहा है। इससे बिजली ट्रिपिंग और वोल्टेज की समस्या आम हो गई है।
महावितरण का आश्वासन
महावितरण के अधिकारियों ने इस संकट से निपटने के लिए जल्द समाधान का भरोसा दिलाया है। एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वे तकनीकी सुधार कर रहे हैं और समस्या का स्थायी समाधान जल्द ही लाया जाएगा।
नई मांग : पोमन उपकेंद्र का काम तेज़ किया जाए
स्थानीय उद्योग संगठनों ने मांग की है कि पोमन में प्रस्तावित नया 220/22 केवी उपकेंद्र का काम तेजी से पूरा किया जाए ताकि बिजली संकट से राहत मिल सके। अन्यथा आने वाले समय में निवेश और रोज़गार दोनों पर भारी असर पड़ सकता है।