वसई में लगातार बारिश और खराब जल निकासी से रिहायशी इमारतें जलमग्न हो गई हैं। लोग छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। बिजली-पानी की कमी, बीमारियों का खतरा और राहत कार्यों में देरी से नागरिकों में आक्रोश है।
वसई,21अगस्त: वसई क्षेत्र में लगातार बारिश और जल निकासी की कमी के चलते एक रिहायशी बिल्डिंग में कई दिनों से पानी जमा है। ग्राउंड फ्लोर और निचली मंज़िलें पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि रहवासियों को घर छोड़कर छतों पर शरण लेनी पड़ रही है। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए यह स्थिति और भी संकटपूर्ण हो गई है।
- दिन-रात का संघर्ष:
स्थानीय निवासी बिना बिजली, पीने के साफ पानी और पर्याप्त भोजन के गुज़ारा कर रहे हैं। पानी में मच्छर और गंदगी के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। कुछ लोगों ने प्लास्टिक शीट और तिरपाल से छत पर अस्थायी शरण बना ली है। स्थिति पर नज़र रखने वाले लोगों का कहना है कि 4-5 दिन से कोई राहत कार्य नहीं हुआ है, जिससे लोगों में रोष और निराशा दोनों है।
ठाणे महानगरपालिका ने घोषित की 24 घंटे की जलकटौती, कई इलाकों में संकट
- प्रशासन से उम्मीदें और शिकायतें:
रहवासियों का कहना है कि उन्होंने स्थानीय नगर निगम, आपदा प्रबंधन विभाग और जनप्रतिनिधियों को बार-बार सूचित किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। न तो पंपिंग मशीनें लगाई गईं, न ही नाव के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाई गई। प्रशासन से मांग की जा रही है कि फौरन पानी की निकासी, राहत शिविर और स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जाए।
- संकट में एकता और जागरूकता:
हालांकि प्रशासन की ओर से मदद नहीं आई, लेकिन स्थानीय युवाओं और समाजसेवियों ने कुछ हद तक भोजन और दवाइयाँ पहुंचाने की कोशिश की है। इस आपदा ने यह भी दिखाया कि मुसीबत में समाज एक साथ खड़ा हो सकता है, परंतु स्थायी समाधान के लिए प्रशासनिक हस्तक्षेप जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया, तो आने वाले समय में यह संकट और भी गहरा सकता है।
वसई में मूसलाधार बारिश के बीच विधायक स्नेहा दुबे पंडित ने गर्भवती महिला की जान बचाकर मिसाल पेश की