ईडी ने वसई-विरार नगर निगम में हुए निर्माण घोटाले में पूर्व आयुक्त अनिल पवार सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया। घोटाले में संगठित रिश्वत कलेक्शन और अवैध निर्माण का खुलासा हुआ है।
वसई-विरार,14अगस्त: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुंबई ने वसई-विरार नगर निगम (VVCMC) में हुए करोड़ों रुपये के निर्माण घोटाले में पूर्व आयुक्त अनिल पवार (IAS) सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अन्य आरोपियों में बहुजन विकास अघाड़ी के नगरसेवक और बिल्डर सीताराम गुप्ता, बिल्डर अरुण गुप्ता और निलंबित डिप्टी टाउन प्लानर वाई एस रेड्डी शामिल हैं।
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घोटाले का खुलासा
जांच में सामने आया कि बिल्डरों ने बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए और उन्हें निर्दोष निवेशकों को बेच दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन इमारतों को बाद में ध्वस्त कर दिया गया, जिससे कई खरीदार बेघर हो गए।
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ईडी की तलाशी कार्रवाई
ईडी की छापेमारी में आरोपियों के ठिकानों से नकद, सोने-चांदी के आभूषण और डिजिटल सबूत बरामद हुए। व्हाट्सएप चैट्स से खुलासा हुआ कि अनिल पवार और वाई एस रेड्डी के बीच प्रति स्क्वेयर फीट मंजूरी के बदले रिश्वत वसूली का संगठित नेटवर्क चल रहा था।
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कोर्ट में पेशी
गिरफ्तार सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां ईडी ने आगे की पूछताछ के लिए हिरासत की मांग की। एजेंसी का कहना है कि इस रैकेट से जुड़े और लोगों की पहचान की जा रही है और जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा।
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प्रभाव और सवाल
यह मामला वसई-विरार में निवेशकों के विश्वास, शहरी नियोजन की पारदर्शिता और भ्रष्टाचार-रोधी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
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