Vasai-Virar Ganeshotsav 2025: गणेशोत्सव को पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए वसई-विरार महानगरपालिका ने 1,000 बैग शाडू मिट्टी मंगवाकर मूर्तिकारों को मुफ्त देने का फैसला किया है। इसका मकसद पीओपी मूर्तियों से होने वाले प्रदूषण को कम करना है।
वसई,10 जुलाई : हर साल वसई-विरार शहर में गणेशोत्सव बड़े उत्साह से मनाया जाता है, लेकिन प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी मूर्तियाँ जल स्रोतों को नुकसान पहुंचाती हैं। इसी वजह से वसई-विरार महानगरपालिका ने इस साल त्योहार को पर्यावरण-अनुकूल बनाने की पहल की है। इसके तहत मूर्तिकारों को शाडू मिट्टी मुफ्त दी जाएगी ताकि वे पीओपी की जगह प्राकृतिक मिट्टी से मूर्तियाँ बना सकें।
मनपा ने फिलहाल 1,000 बोरियाँ शाडू मिट्टी मंगाई हैं, जिनमें हर बोरी में 40 किलो मिट्टी है। इस मिट्टी पर नगर निगम ने लगभग दो लाख रुपये खर्च किए हैं। उपायुक्त अजीत मुठे ने बताया कि यह मिट्टी सभी मूर्तिकारों को बिना किसी शुल्क के दी जाएगी। इससे पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों को बढ़ावा मिलेगा और विसर्जन के बाद मिट्टी का फिर से इस्तेमाल भी संभव होगा।
नगर निगम ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे इस साल शाडू मिट्टी की मूर्तियों का ही उपयोग करें। इन मूर्तियों से न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि विसर्जन के बाद मिट्टी का पुनः उपयोग करके मल्चिंग जैसे उपायों से पर्यावरण को और भी सुरक्षित बनाया जा सकता है। यह पहल त्योहार को सुरक्षित और टिकाऊ रूप से मनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
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