Vasai Virar : जमीन सरकारी, बेच रहे अधिकारी
वसई विरार (Vasai Virar) क्षेत्र में जनता के हक़ की सरकारी जमीनों को बेच–खा रहे अधिकारी !
तहसीलदार कार्यालय से जुड़े अधिकारी और वसई विरार महानगरपालिका अधिकारियों की देखरेख में लगातार हो रहा है अतिक्रमण
विरार : वसई विरार (Vasai Virar) शहर को सुव्यस्थित और सुंदर बनाने के लिए आवश्यक आरक्षित जमीनों, सरकारी जमीनों, प्रकृति प्रदत्त संसाधनों को संरक्षित करने के बजाय, अधिकारी ही इसकी बोली लगा रहे हैं।जो इन जमीनों की सुरक्षा के लिए जनता के टैक्स के पैसे से सरकारी पदों पर नियुक्त होकर वेतन ले रहे हैं,वही कर्मचारी दिन रात शहर की अमूल्य जमीनों और प्राकृतिक संसाधनों को बेच खा जा रहे हैं।
वसई विरार (Vasai Virar) महानगरपालिका के विशेष नियोजन प्राधिकरण में आने वाले 21 गांव की जमीनों पर अवैध निर्माणों की श्रृंखला चल रही है साथ ही महानगर पालिका क्षेत्र में आने वाले कई ऐसे स्थान जहां पर आज भी अवैध निर्माण अनियंत्रित गति से चल रहा है.
इस लूट-खसोट में लिप्त अधिकारियों द्वारा कराया जा रहा है अवैध निर्माण आने वाले दिनों में शहर के विकास में बाधक बनने वाला है. जिसका ताजा उदाहरण आप वसई विरार शहर के स्टेशन और भीड़भाड़ वाले इलाकों में देख सकते हैं, जहां पर अवैध तरीके से रास्ते पर फेरीवाले और अन्य तरीकों से लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. क्योंकि महानगर पालिका के पास अब अपने कार्यालय खोलने अपने अधिकारियों के लिए जगह देने और जनता के अधिकार की जगह देने के लिए अब जमीन नहीं बची है. जिसका कारण पूर्व के पहले महानगरपालिका आयुक्तों के कार्यकाल में आरक्षित जमीनों का सौदा किया जा चुका है और उस पर अतिक्रमण करके इमारतें, झोपड़े इत्यादि बनाए जा चुके हैं। संक्षेप में कहें तो उन जमीनों का बेचा जा चुका है।
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का एक मामला विरार से सामने आया है जिसमें विरार फाटा के करीब सरकारी जमीन पर सैकड़ों झोपड़े बनाकर उसे लगातार बेचा जा रहा है और इस खरीद फरोख्त में सम्बंधित विभाग के अधिकारियों की सक्रिय भूमिका सामने आयी है.
वसई विरार शहर महानगरपालिका के विशेष नियोजन प्राधिकरण अंतर्गत सर्वे नंबर दो, खैरपाड़ा, विरार पर कुल 13 नोटिस दी गई थी। इस नोटिस के अनुसार मार्च 2022 तक इस प्लॉट पर 96 रूम और 6 दुकानें बनाई जा चुकी थी।अब आगे भी अवैध निर्माण जारी है।
विशेष नियोजन प्राधिकरण 21 गांव की प्रभारी सहायक आयुक्त हर्षला सावे ने यह नोटिस देते हुए इस प्लॉट पर किए गए अवैध निर्माण के बारे में 3 दिन के अंदर कागज पत्र लेकर उपस्थित रहने का आदेश जारी किया था। 3 दिन की नोटिस देने के बाद अब पूरे 6 महीने बीत चुके हैं लेकिन इस प्लॉट पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
विरार के खैरपाड़ा के सर्वे नंबर दो और 7/17 पर 13 नोटिस देने वाली महानगरपालिका प्रभारी सहायक आयुक्त हर्षला सावे इस मामले में चुप हैं। ना सिर्फ महानगरपालिका बल्कि वसई तालुका तहसीलदार की तरफ से भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिसके बाद तहसीलदार की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं.
सवाल है कि अगर कार्रवाई के लिए नोटिस दी गयी थी तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हुई और अगर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर नोटिस किस लिए दी गयी थी ? नोटिस देने के इतने महीने बाद भी आज तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई महानगरपालिका और तहसीलदार की तरफ से न किया जाना इस बात का पुख्ता सबूत है कि इस मामले में भ्रष्टाचार तो हुआ है।जिस पर समाज के जागरूक लोगों द्वारा मुद्दे को उठाया जाना चाहिए।
वसई विरार के कुख्यात भूमाफियाओं और अवैध निर्माणकर्ताओं ने शहर के लगभग हर हिस्से पर अवैध निर्माण करना जारी रखा है जिस पर नियंत्रण लाने की परम आवश्यकता है.फ़िलहाल वसई विरार महानगरपालिका की और से बीते कुछ दिनों में आंशिक तौर पर अवैध निर्माण तोड़े जो की वर्तमान में हुए अवैध निर्माणों की अपेक्षा नाकाफी हैं.