पुलिस को गुप्त जानकारी मिली थी कि वसई के बार्फपाड़ा, देविचपाड़ा और खंडरपाड़ा क्षेत्रों में गांव की ताज़ा शराब (हैंडमेड लिकर) छुपा-छुपाकर बनाई जा रही है। उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार विशेष टीमों का गठन किया गया और सूचना के अनुसार कार्रवाई की योजना बनाई गई।
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छापेमारी और जब्ती
टीम ने इन सभी तीन स्थानों पर छापेमारी की और अवैध शराब उत्पादन में लगे व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान कुल ₹77,550 मूल्य की शराब जब्त की गई, जिसमें ₹10,800 तैयार शराब और ₹66,750 कच्ची शराब शामिल थी। इसके अलावा, अवैध शराब बनाने के उपकरण और अन्य सामग्री भी बरामद की गई। इन घटनाओं के आधार पर Gurnam 500/2025, 501/2025 और 502/2025 के तहत मामले दर्ज किए गए।
इसके बाद, मनवेलपाड़ा क्षेत्र में अवैध बिक्री की सूचना मिलने पर 2 और छापेमारी की गई। इस दौरान ₹2,500 मूल्य की तैयार शराब बरामद हुई और Gurnam 503/2025 और 504/2025 के तहत आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। कुल मिलाकर, वसई पुलिस स्टेशन की सीमा में पांच सफल ऑपरेशन संपन्न हुए।
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नेतृत्व और टीम का योगदान
इस अभियान का संचालन पुलिस कमिश्नर निकेत कौशिक, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर दत्तात्रय शिंदे, उप-आयुक्त सुहास बाउचे, और सहायक पुलिस आयुक्त बजरंग देसाई के मार्गदर्शन में किया गया।
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परिणाम और महत्व
इस कार्रवाई से वसई-विरार में अवैध शराब उत्पादन और बिक्री में लगी बड़ी सिंडिकेट को तोड़ने में सफलता मिली। पांच अलग-अलग ऑपरेशनों में कुल 5 स्थानों पर कार्रवाई की गई और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इससे न केवल सुरक्षा और कानून व्यवस्था में सुधार हुआ, बल्कि स्थानीय नागरिकों के लिए भी राहत मिली।
पुलिस ने चेतावनी दी है कि अवैध शराब का व्यापार करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान दिखाता है कि वसई-विरार पुलिस अपराध पर कड़ी नजर रख रही है और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कुल मिलाकर, यह कार्रवाई कानून व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित हुई।
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