Vasai-Virar News: वसई-विरार में वर्षों से गड्ढा मुक्त सड़कों का वादा किया जा रहा है, लेकिन हालात जस के तस हैं। नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पालघर,6 अगस्त: वसई-विरार क्षेत्र के नागरिक एक बार फिर खुद से यह सवाल कर रहे हैं, क्या “गड्ढा मुक्त सड़क” केवल चुनावी नारा बनकर रह गया है? कई सालों से वसई विरार महानगरपालिका द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि क्षेत्र को गड्ढा मुक्त किया जाएगा, लेकिन ज़मीनी सच्चाई कुछ और ही है। सड़कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
📉 208 करोड़ की योजना, लेकिन ज़मीनी काम शून्य
मनपा द्वारा घोषित की गई 208 करोड़ रुपये की योजना के तहत 18,739 मीटर लंबी और 508 मीटर चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाना था।
अधिकारियों का दावा है कि प्लानिंग और टेंडर की प्रक्रिया जारी है, लेकिन स्थानीय लोग कहते हैं कि: “हर साल टेंडर और पेपर वर्क का नाम लेकर गुमराह किया जाता है, जबकि सड़कें जानलेवा बनी हुई हैं।”
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💸 बजट में 150 करोड़ और, फिर भी अविश्वास
2025-26 बजट में 150 करोड़ रुपये और जोड़े गए हैं। इसका मकसद सीवेज सुधार, सड़क मरम्मत और गड्ढों की समस्या को दूर करना बताया गया है।
लेकिन नागरिकों का मानना है कि: “जब पुराने फंड से कुछ नहीं हुआ, तो नया पैसा भी सिर्फ फाइलों में घूमेगा।”
📌 प्रशासन से जवाबदेही की मांग
स्थानीय नागरिक, व्यापारी और आदिवासी बस्तियों के लोग बेहद नाराज़ हैं।
उनका कहना है कि बाइक सवारों को रोज़ चोटें लगती हैं, एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाती, और बरसात में सड़कें और भी खतरनाक बन जाती हैं।
🏙️ वसई-विरार: स्मार्ट सिटी या उपेक्षित नगर?
वसई-विरार की गिनती तेज़ी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों में होती है, लेकिन बुनियादी ढांचे की यह स्थिति दर्शाती है कि योजनाएं केवल घोषणाओं तक सीमित हैं।
यदि जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यह नागरिकों के विश्वास पर गहरा आघात होगा।
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