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Traffic : वसई-विरार में ट्रैफिक नियमों की अवहेलना, जानबूझकर नहीं की जा रही कार्रवाई

नालासोपारा : वसई विरार की सड़कों पर बेतहाशा ट्रैफिक (Traffic) और ट्रैफिक जाम की तस्वीरें बेहद आम हैं। नालासोपारा क्षेत्र,विरार क्षेत्र और वसई क्षेत्र में तैनात ट्रैफिक पुलिस और अधिकारियों द्वारा की जा रही अनदेखी इसकी मुख्य वजह है। अगर नियमानुसार कार्रवाई की जाए तो सरकारी खजाने में करोड़ों रूपये जमा करवाए जा सकते हैं,ऐसी कार्रवाई ट्रैफिक विभाग जानबूझ कर नहीं कर रही.

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हर चौक चौराहे पर अवैध ऑटो स्टैंड

वसई विरार की सड़कों पर बेतहाशा ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है। जगह-जगह अवैध तरीके से बनाए गए रिक्शा स्टैंड की वजह से शहर के हर चौक चौराहे, गली मोहल्ले में ऑटो रिक्शा वालों की वजह से ट्रैफिक (Traffic) जाम देखने को मिलता है। शहर में चल रहे अधिकांश ऑटो रिक्शा और उनके चालक ट्रैफिक विभाग की कृपा दृष्टि पर ही चल रहे हैं।। मनमानी का आलम यह है जिसे भी जहां जी में आया एक बोर्ड बैनर ठोक कर ऑटो रिक्शा स्टैंड खड़ा कर देते हैं और फिर दिन भर वहां ट्रैफिक जाम लगा रहता है। ऐसे रिक्शा स्टैंड पर आरटीओ भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही मनमानी कारभार लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

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ऑटो वालों का फूटा गुस्सा

बीते दिनों भंगार ऑटो रिक्शा के खिलाफ वह रिक्शा चालकों का गुस्सा फूट पड़ा। मामले को लेकर ऑटो रिक्शा चालकों द्वारा तुलिंज पुलिस स्टेशन का घेराव भी किया गया। ऐसी परिस्थिति निर्माण होने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी ही जिम्मेदार ठहराए गए।

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ट्रैफिक विभाग की कार्यवाही नाकाफी

हालांकि इस पूरे मामले में ट्रैफिक (Traffic) विभाग कार्रवाई करने की बात तो करती है लेकिन जो आंकड़े वह महीने भर में देती है अगर वो ठीक ढंग से कार्रवाई की जाए तो वह 1 दिन का भी आंकड़ा नहीं है। यानी कि अगर ट्रैफिक विभाग चाहे कि उसे कार्रवाई करनी है तो निश्चित तौर पर महीने भर की कार्रवाई का पूरा आंकड़ा एक दिन में भी वह आंकड़ा दे सकती है,जो कि ट्रैफिक कर्मी नहीं कर रहे।

वसई विरार में दौड़ रहे बिना नंबर प्लेट वाले वाहन

गाड़ियों में नंबर प्लेट होना सबसे ज्यादा अहम है ऐसे में वसई विरार में सड़कों पर आप बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां दौड़ते हुए देख सकते हैं. इनमें सर्वाधिक गाड़ियों के संख्या स्कूटी और बाइक की है. ऐसे वाहन चालक अगर कोई दुर्घटना करते हैं या फिर किसी अपराध को अंजाम देते हैं तो उन्हें पकड़ पाना नामुमकिन है. मामले की गंभीरता को ट्रैफिक विभाग नजरअंदाज करते देखा जा रहा है।

अचोले से स्टेशन तक ट्रैफिक जाम का मुख्य कारण

नालासोपारा पूर्व के अचोले रोड से लेकर स्टेशन परिसर तक लगने वाले ट्रैफिक जाम के पीछे का मुख्य कारण ऑटो रिक्शा ही है जो नियमों की अनदेखी करते हुए जगह जगह गलत दिशा में गाड़ी घुमाते देखे जा सकते हैं. कुल मिलाकर ऑटो रिक्शा चालकों को और भंगार वाहनों को नियंत्रण में ले लिया जाए तो शहर की आधी समस्या हल हो सकती है।

सिर्फ 6 घंटे की ड्यूटी,रात के लिए कौन जिम्मेदार?

वसई विरार में कार्यरत अधिकतर ट्रैफिक विभाग कर्मी सुबह की पाली में 3 घंटा और शाम की पाली में 3 घंटा ड्यूटी करते हैं ।इस दौरान भी वह अपने दिए गए पॉइंट्स पर ड्यूटी ना करके अगल-बगल टाइम पास करते नजर आते हैं इनकी सहायता के लिए दिए गए महाराष्ट्र सुरक्षा बल के कर्मचारी भी मोबाइल में ज्यादा काम में कम व्यस्त नजर आते हैं।

चौबीसों घंटे चलने वाली मुंबई की ओर नौकरी करने जाने वाले लोग रात को वापस होते हैं। ऐसे में रात में ट्रैफिक विभाग के कर्मचारियों का ना होना किसी भी गंभीर घटना को दावत देने जैसा है। आमतौर पर ट्रैफिक विभाग के कर्मचारी वसई विरार में दोपहर के 1:00 बजे तक ड्यूटी पर देखते हैं और उसके बाद शाम 5:00 से 8:00 बजे तक ड्यूटी पर देखे जाते हैं। सिर्फ 6 घंटा ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक कर्मी ना काफी है।.

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संतोष भुवन नाके पर नदारद ट्रैफिक पुलिसकर्मी

नालासोपारा पूर्व के संतोष भवन क्षेत्र में सर्वाधिक ट्रैफिक (Traffic) जाम रहता है सुबह 6:00 बजे से लेकर लगभग 11:00 तक अराजकता का माहौल रहता है वहां ट्रैफिक कर्मचारी कितने बजे ड्यूटी पर आते हैं फिलहाल इसका कोई अंदाजा नहीं होता। संतोष भवन के ट्रैफिक सिग्नल पर ड्यूटी में लगे ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी आमतौर पर वहां ना होकर पास में बानी चौकी में बैठे नजर आते हैं।

संतोष भवन नाके पर अवैध तरीके से बनाए गए भाजी मार्केट की वजह से सुबह का ट्रैफिक जाम बेहद दयनीय स्थिति पैदा कर रहा है ऐसे में वहां ट्रैफिक (Traffic) पुलिसकर्मी का ना होना और नियमों की अनदेखी अवहेलना की वजह से हाईवे की तरफ सुबह काम पर जाने वाले लोगों के लिए यह समय बेहद ही पीड़ादायक होता है क्योंकि लगभग आधा घंटा पेट्रोल पंप से लेकर वाकंपाड़ा तक पहुंचने में लग जाता है ऐसे में vasai-virar के लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। इस समस्या पर ना तो ट्रैफिक विभाग के बड़े अधिकारियों का ध्यान जाता है और ना ही जनता के किसी सेवक का, जो लोगों को इस समस्या से उबार सकें।

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मीरा भायंदर-वसई विरार आयुक्तालय के वरिष्ठ अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि शाम से लेकर रात तक वसई नालासोपारा वेस्ट विरार स्टेशन के परिसर में मनमाना कारभार चलता है। रात को अधिकतर भंगार ऑटो रिक्शा और चरसी टाइप के ऑटो रिक्शा चालक सड़कों पर होते हैं जो जरूरतमंद लोगों से मनमाने तरीके से पैसे ऐंठते हैं और महिलाओं से आए दिन दुर्व्यवहार की घटनाएं भी सामने आती है।

 

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