विरार-अलीबाग राजमार्ग का निर्माण राज्य की वित्तीय असमर्थता के कारण रुका हुआ है। इससे जेएनपीटी से दिल्ली की लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी पर असर पड़ा है। NHAI ने नया वैकल्पिक रूट प्रस्तावित किया है।
वसई, 31 जुलाई: राज्य सरकार की वित्तीय असमर्थता के कारण विरार-अलीबाग बहुउद्देशीय राजमार्ग परियोजना फिलहाल ठप पड़ी है। इस परियोजना के ठप पड़ने से केंद्र सरकार की वह महत्त्वाकांक्षी योजना भी प्रभावित हुई है, जिसमें जेएनपीटी पोर्ट को दिल्ली से महज 8 घंटे में जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था।
इस योजना के तहत बड़ौदा-मुंबई एक्सप्रेसवे का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन जेएनपीटी को इससे जोड़ने वाला लिंक रोड अब तक अधूरा है।
🛣️ NHAI की वैकल्पिक योजना: मोरबे से कलंबोली तक नया राजमार्ग
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस “मिसिंग लिंक” की पूर्ति के लिए मोरबे से कलंबोली तक वैकल्पिक आठ लेन राजमार्ग के निर्माण की योजना शुरू कर दी है।
एक निजी ICT कंपनी को इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी गई है, जो अगस्त 2025 के अंत तक केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सौंपी जाएगी।
📍 मार्ग का प्रस्तावित रूट और लाभ
नई योजना के अंतर्गत राजमार्ग मोरबे, महालुंगी, कानपोली, पाले बुद्रुक, वलवली, टेंभोड़े होते हुए कलंबोली सर्कल से जुड़ेगा।
यह वैकल्पिक रूट:
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दिल्ली और जेएनपीटी पोर्ट के बीच लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी को फिर से बहाल करेगा
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नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से तेज़ और आसान पहुंच प्रदान करेगा
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पनवेल के लिए एक वैकल्पिक और कम भीड़ वाला मार्ग भी उपलब्ध कराएगा
⚠️ राज्य-केंद्र समन्वय की आवश्यकता
वित्तीय संकट के कारण जहां राज्य सरकार परियोजना को आगे नहीं बढ़ा पा रही, वहीं केंद्र सरकार को अब इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजना की जिम्मेदारी लेनी पड़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह लिंक रोड और वैकल्पिक मार्ग समय पर पूरा नहीं हुआ, तो दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर की पूरी लॉजिस्टिक रणनीति प्रभावित हो सकती है।
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