मुंबई क्राइम ब्रांच ने यूनानी, आयुर्वेदिक डॉक्टर बताकर लोगों को ठगने वाले गैंग (Fraud) का पर्दाफाश किया, क्राइम ब्रांच ने 4 लोगो को गिरफ्तार किया है.
मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 3 ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो फर्जी (Fraud) यूनानी व आयुर्वेदिक डॉक्टर बनकर लोगों को ठगते थे, क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 4 लोगो को गिरफ्तार किया है,मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 420,34 और महाराष्ट्र वैदिक प्रैक्टिशनर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी राज तिलक रोशन ने बताया इस गैंग ने एक बुजुर्ग के अंदर से दो घंटे के अंदर कई बार खून निकाला और उसके बाद उससे साढ़े 14 लाख रुपये ठग लिए,इस गिरोह के कई अन्य लोगों की भी तलाश जारी है।दक्षिण मुंबई के 61 साल के एक बिजनेसमैन को पिछले कई साल से ट्रेमर की बीमारी है। वह बिजनेसमैन किसी काम से नरीमन पॉइंट गए हुए थे,तभी कुछ लोगों ने उनके शरीर को कंपकपाते देखा,तो पूछा कि कब से वह इस रोग से ग्रस्त हैं ?किन-किन डॉक्टर का इलाज करवाया है? इसके बाद इस गिरोह के एक सदस्य ने खुद को यूनानी डॉक्टर बताया,कहा कि वह कुछ घंटो में आप की बीमारी को पूरी तरह खत्म कर सकता है,यह गैंग हॉस्पिटल,पार्क और गार्डन में करते थे रेकी, घर जाकर इलाज करने का दावा।
शिकायतकर्ता बिजनेसमैन इनके ट्रैप में आ गया।बिजनेसमैन इन लोगों को अपने घर ले गया,वहाँ उसका इलाज करना शुरू किया।आरोपियों ने उसे लिटाया,उसके शरीर पर जगह-जगह मेटल कोन नामक चीज से जोर से दबाया, मेटल कोन के दबाव में शरीर के अलग अलग हिस्सों में खून जब जमा हो गया,तो आरोपी ने हिस्से में ब्लड हल्का सा लगाया,जैसे ही थोड़ा सा खून शरीर से बाहर आया,आरोपी ने मुल्तानी मिट्टी वहां लगा दी,इस वजह से निकला खून पीला दिखने लगा,आरोपी ने बिजनेसमैन से कहा कि आपके शरीर में बहुत गंदगी जमा हो गई थी,इस वजह से आपका खून पीला दिख रहा था,अब हमने उस गंदगी को निकाल दिया,अब आज से आपकी बीमारी एकदम दूर हो गई है।
इस मामले में गिरफ्त में आए इन चारो आरोपियों में पहले आरोपी का नाम मोहम्मद शेरू शेख मकसूद खॉ उर्फ डॉ. आर.पटेल, उम्र 49 वर्ष,दूसरा आरोपी मोहम्मद नफीस मो.शरीफ उम्र 39 वर्ष तीसरा आरोपी मोहम्मद आसिफ मो. निसार, उम्र 27 वर्ष और चौथे आरोपी का नाम मोहम्मद आशिफ हैं जो राजस्थान के रहने वाले हैं। शातिर आरोपी 44 साल के शरीफ को बड़ी ही मशक्कत के साथ गिरफ्तार किया है,इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ आरोपियों के पास से अपराध को अंजाम देने के दौरान उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले सामानों में गई सभी चिकित्सा उपचार सामग्री,9 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, वैगनर मोटरकारें और अपराध में धोखाधड़ी की गई संपत्ति जो चौदह लाख तक की रकम को भी जब्त किया गया है।
जांच में ये भी पता चला की,इन फर्जी डॉक्टरों ने मुख्य शिकायतकर्ता के अलावा मुंबई मे रहनेवाले गिरफ्तार 06 अन्य नागरिकों के साथ भी इसी तरह की धोखाधड़ी की है।जांच में ये भी पता चला की इन चारो फर्जी डॉक्टरों के पास आधिकारिक रूप से किसी भीं प्रकार का कोई भी मेडिकल लाइसेंस नहीं था और ना हीं ये महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल मे इनके नाम रजिस्टर्ड थे,अपने शिकार को फांसने के लिए ये चारो डॉक्टर बनने की एक्टिंग करते थे और ऐसे दिखावा करते थे,जैसे ये वो कई बीमारियों के ठीक करनेवाले मशहूर डॉक्टर है।
यूनानी आयुर्वेदिक चिकित्सा के नाम पर ये कई तरह के झूठी बातें अपने शिकार को बताते थे,जैसे कि गुजरात अहमदाबाद में इनका एक बड़ा यूनानी आयुर्वेदिक अस्पताल है,ये बताकर ये पहले पीड़ित या शिकार का भरोसा जितने का काम करते थे,उसके बाद उनकी किसी भी पुरानी बीमारी को ठीक करने का दावा करते थे,जिस शख्स ने इस मामले को लेकर मामला दर्ज कराया,उस शिकायतकर्ता के मुंबई के वडाला के घर पर ये चारो अपराधी यूनानी डॉक्टर बनकर गए थे,पहले उनकी जांच की और कहा कि पित्त के कारण उनके शरीर की नसें दब गई हैं,जिसके कारण शिकायतकर्ता के दोनों हाथ कांप रहे हैं।
इसके बाद शिकायतकर्ता के हाथ और पीठ पर दोनों तरफ छेद वाला एक धातु का टुकड़ा रख दिया,बाद में एक घाव बनाकर उसमें से खून बाहर निकालते थे,और मुंह में रखी मुल्तानी मिट्टी की गोली उस खून में मिला देते,जिससे खून का रंग पीला हो जाता था और ये पीला खून पीड़ित को दिखाकर ये कहते थे कि आपको जो भी मर्ज था,उसको लेकर आपके शरीर का सारा गंदा खून बाहर निकाल दिया गया है।जांच के दौरान पता चला कि इस अपराध मे शामिल आरोपी राजस्थान राज्य का रहने वाला है और वह पिछले दो वर्षों से अपने अन्य साथियों के साथ मनोर-पालघर, भिवंडी-ठाणे, मालेगांव-नासिक में अलग अलग तंबुओं में लगे टेंट मे रह रहा था।
डॉक्टरी की इस फर्जीवाड़े में तकनीकी जांच से ये भी पता चला कि ये इस अपराध में लिप्त ये चारों आरोपी एक वारदात को अंजाम देने के बाद अपने सिमकार्ड और अन्य विवरण अपने दूसरे शिकार के लिए इस्तेमाल नहीं करते थे,उन्हे बदल देते थे।इसके साथ ही आरोपी बार-बार अपने रहने की जगह,अपना पता शिकार के मुताबिक बदलते रहते थे।जिसको लेकर मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम मालेगांव,नासिक में भी इन्हे पकड़ने के लिए ट्रैप लगाया गया था।बहरहाल इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच इस गिरोह से जुड़े और भी सूत्रों की तलाश सरगर्मी से कर रही हैं।
इस बारे में राज तिलक रौशन, डीसीपी क्राइम ब्रांच ने मुंबईकर की जनता को इस तरह की फर्जी डॉक्टरों से बचने की सलाह देते हुए,उपचार के लिए हमेशा वेरिफाइड डॉक्टर या अस्पताल जाने की सलाह भी दी है.
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