गोंदिया महिला rape मामले को लेकर विधान परिषद में हंगामा
मुंबई, महाराष्ट्र के मानसून सत्र का दूसरे दिन हंगामेदार रहा गोंदिया में महिला के साथ हुए सामुहिक rape मामले को लकेर विपक्ष ने गुरुवार को विधान परिषद में जमकर हंगामा किया विपक्ष की नारेबाजी और शोरगुल के बीच सदन की कार्यवाही 10 -10 मिनट के लिए दो बार स्थगित करनी पड़ी
सदन के कामकाज शुरू होते ही शिवसेना की मनीषा कायंदे ने गोंदिया में महिला के साथ हुए rape का मुद्दा उठाते हुए सदन में नियम 289 के तहत चर्चा की मांग की। कायंदे ने कहा कि गोंदिया में एक 35 वर्षीय महिला के साथ कई दिनों तक rape किया गया लेकिन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। इसके विपरीत राजनीतिक दबाव में जिले के एसपी का तबादला कर दिया गया है। छह दिन तक जिले में कोई पुलिस अधीक्षक नियुक्त नहीं किया गया।
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कायंदे ने नियम 289 के तहत चर्चा की मांग की लेकिन उपसभापति नीलम गोर्हे ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद विपक्ष के सदस्य आक्रमक हो गए और सरकार के विरोध ने नारेबाजी करते हुए वेल में आए गए।अपनी मांग पर अड़े रहे विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के बाद उपसभापति ने सदन की कार्यवाही को दो बार स्थगित किया। सदन की दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद राकांपा सदस्य एकनाथ खड़से ने आरोप लगाया कि राज्य में महिला सुरक्षित नहीं है।
सदन में सदस्य द्वारा गंभीर मामला उठाया जाता है तो सब मुद्दे को बगल कर नियम 289 के तहत उस पर सदन में चर्चा कराने की परंपरा है। खड़से ने कहा कि शिवसेना की सदस्य का विपक्ष के सभी सदस्यो ने समर्थन किया है इसलिए इस मुद्दे पर नियम 289 के तहत चर्चा होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे और शिवसेना के अनिल परब ने भी जोरदार आपत्ति जताई।
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विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के बाद राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन को आश्वस्त किया और कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है,लेकिन यह आज यानि गुरुवार को सभंव नहीं है क्योंकि मामला बेहद संवेदशील है इसलिए जल्दबाजी में इस पर चर्चा नहीं हो सकती। विपक्ष तय करे कि किस दिन इस पर चर्चा हो सकती है। चंद्रकांत पाटील के आश्वासन के बाद विपक्ष ने सदन की कार्यवाही आगे चलने दी।