वसई विरार (Depression) : मीरा-भाईंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, मीरा भायंदर और वसई विरार पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र के तीन अलग अलग पुलिस स्टेशन क्षेत्रों की तीन लड़कियों ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।
मिली जानकारी के अनुसार, भाईंदर पूर्व में रहने वाली एक बारहवीं की छात्रा ने इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसे परीक्षा में 90% अंक नहीं मिले। छात्रा ने मंगलवार दोपहर किचन में नाइलोन की रस्सी से खुद को फांसी लगा कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, उसे बारहवीं में 78% अंक हासिल हुए थे।
इसी तरह नालासोपारा पूर्व स्थित पेल्हार पुलिस स्टेशन अंतर्गत संतोष भुवन नालासोपारा पूर्व की रहने वाली छात्रा को 12वीं में सिर्फ 54 फीसदी अंक प्राप्त हुए थे आए। इसी कारण उसने 22 मई को घर की छत के लोहे के एंगल पर साड़ी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
तीसरी घटना में फुलपाड़ा रोड, विरार पूर्व में रहने वाली 18 वर्षीया एक छात्रा ने फांसी लगा ली, मृतका को 12वीं कक्षा में 41.50 प्रतिशत अंक मिले थे।जिसके कारण वह डिप्रेशन (Depression) में रहती थी।जिसके चलते उसने 22 मई को घर की रसोई में फांसी लगा ली। पुलिस तीनों मामलो की जांच में जुटी है।
‘परीक्षा के समय दबाव में आ जाते हैं बच्चे’
कंसल्टेंट साइकियाट्रिस्ट डॉ. अविनाश डिसूजा ने बताया कि परीक्षा के समय कई बच्चे दबाव (Depression) में आ जाते हैं। ऐसे में मां-बाप को यह समझना जरूरी है कि बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य किसी भी परीक्षा से ज्यादा जरूरी है। परीक्षा और रिजल्ट के समय मां-बाप बच्चों को हौसला दें। कई बार बच्चे अपने दिमाग में एक लक्ष्य बना लेते हैं। उस लक्ष्य तक न पहुंचने या दोस्तों से कम अंक लाने पर वे डिप्रेशन (Depression) में चले जाते हैं। ऐसे समय में बच्चों को भी अपने मां-बाप से खुलकर बात करना चाहिए। अगर बच्चों की समय पर काउंसलिंग हो जाए तो वे समझ पाएंगे कि यह सामान्य बात है और जिंदगी में आगे बड़ी कामयाबियां हासिल की जा सकती हैं।
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