महाराष्ट्र : बहुप्रतीक्षित और ₹55,000 करोड़ की लागत से बनी हिंदू हृदय सम्राट स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे समृद्धि एक्सप्रेसवे (Samruddhi Mahamarg) परियोजना एक बड़ी दुर्घटना से बाल-बाल बची। उद्घाटन के ठीक अगले दिन मालीवाड़ा के पास पुल का एक बड़ा स्लैब ढह गया, जिससे सुरक्षा मानकों और निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के वक्त एक मोटरसाइकिल सवार पुल के नीचे से गुजर रहा था, जो कुछ ही सेकंड के फासले से दुर्घटना का शिकार होने से बच गया। इस हादसे के तुरंत बाद रखरखाव की ज़िम्मेदार ठेकेदार कंपनी ने मौके पर पहुंचकर मरम्मत का काम शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि इस एक्सप्रेसवे के अंतिम 76 किलोमीटर हिस्से का उद्घाटन खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को किया था, जिससे 701 किलोमीटर लंबा नागपुर-मुंबई कॉरिडोर पूरी तरह चालू हो गया है। यह महामार्ग 10 जिलों से होकर गुजरता है और सफर को 18 घंटे से घटाकर 8 घंटे तक सीमित करता है।
अब निर्माण की गुणवत्ता, निरीक्षण प्रक्रिया और ठेकेदार की जवाबदेही को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या इतनी बड़ी परियोजना में जल्दबाज़ी और लापरवाही की गई है?
📌 अब जांच के घेरे में:
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निर्माण कंपनी की भूमिका
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उद्घाटन से पहले सुरक्षा जांच
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ठेके की प्रक्रिया और निगरानी
🚧 अब आगे क्या?
राज्य सरकार को इस हादसे पर तुरंत तकनीकी जांच बिठानी चाहिए और ज़िम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि करोड़ों की लागत से बने इस मेगा प्रोजेक्ट की साख न गिरे और लोगों की जान जोखिम में न पड़े।