महाराष्ट्र

CM Shinde : महाराष्ट्र में आपदा संभावित क्षेत्रों के लिए शीघ्र बनेगी पुनर्वास नीति

मुंबई, महाराष्ट्र में आपदा संभावित क्षेत्रों के लिए शीघ्र पुनर्वास नीति बनाई जाएगी। यह घोषणा मंगलवार को CM Shinde ने विधानसभा में की

CM Shinde ने कहा कि राज्य में जहां- जहां भूस्खलन या बार-बार बाढ़ आने जैसे आपदा प्रवण क्षेत्र हैं, वहां लोगों को निरंतर खतरे के साये में रहना पड़ता है। ऐसे नागरिकों के पुनर्वास के लिए कोई नीति नहीं है। ऐसे क्षेत्रों के पुनर्वास की नीति जल्द तय की जाएगी। इससे जानमाल का संभावित नुकसान काफी हद तक टाला जा सकता है।

यह भी पढ़ें : संसदीय पैनल के सामने पेश होंगे IRCTC के अधिकारी, डेटा सुरक्षा से जुड़े सवालों का देंगे जवाब

उन्होंने कहा कि लगातार बारिश से 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर पंचनामा करके किसानों को मुआवजा दिया जाएगा और प्राकृतिक आपदाओं में प्रभावित लोगों को सहायता राशि देने में होनेवाली देरी से बचने के लिए अब से पंचनामे के लिए मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा।

जल्द ही मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा ई-पंचनामा करना, उसके लिए आवश्यक निधि की मांग करना, संबंधितों के आधार लिंक बैंक खाते में सीधे पैसे जमा करने के लिए एक नई प्रणाली विकसित की जा रही है। इसमें रिमोट सेंसिंग तकनीक (सैटेलाइट इमेज) का इस्तेमाल किया जाएगा। इसी तरह ड्रोन तकनीक का भी प्रयोग किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : काशी में मोक्ष की चाहत पूरी करेगा विश्वनाथ मंदिर, बुजुर्गों के लिए मुमुक्षु भवन का शुभारंभ

CM Shinde ने कहा कि डिजिटल खेती अभियान में बीज ट्रेसबिलिटी, ब्लॉक चेन मॉडल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, को- ऑपरेटिव समितियों और किसान उत्पादक समूहों (एफपीओ) के कम्प्यूटरीकरण जैसे इत्यादि कार्य किए जाएंगे। इससे उचित मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाले बीज और उर्वरक मिलने पर किसानों की आय में वृद्धि होगी।

आधुनिक कृषि में ड्रोन तकनीक, नैनो यूरिया, सिंचाई स्वचालन, कंट्रोल कल्टीवेशन जैसी टेक्नोलॉजी के उपयोग को प्रोत्साहन दिया जाएगा। फसल विविधीकरण के तहत तिलहन, दलहन और फलोत्पादन पर विशेष जोर देते हुए मूल्य श्रृंखला विकसित की जाएगी।

यह भी पढ़ें : यूक्रेन युद्ध को 6 महीने पूरे, खुल गई रूस की सेना और अर्थव्यवस्था की पोल

CM Shinde ने कहा कि घोंघे, पीत मोज़ाइक जैसे कीट रोगों के प्रकोप से होने वाले नुकसान के संबंध में पंचनामा करने के निर्देश दिए गए हैं और ऐसे कीड़ों से होने वाले नुकसान के लिए भी प्रभावित किसानों की मदद की जाएगी।

अब तक हुई बारिश और अन्य मौसम संबंधी मामलों को मापने के लिए इससे पहले प्रत्येक 2400 राजस्व मंडलों में एक स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित किया गया है। यह संख्या अपर्याप्त है इसलिए स्वचालित मौसम स्टेशनों की संख्या में वृद्धि की जाएगी।इससे किसानों को सटीक मौसम पूर्वानुमान प्राप्त होने पर मदद मिलेगी और बीमा दावों का शीघ्र निपटान किया जा सकेगा।

यह भी पढ़ें : RPF ने बिछड़े बच्चे को माँ से मिलवाया

CM Shinde ने कहा कि केन्द्र की योजनाओं को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए सुनियोजित पद्धति से कार्य किया जाएगा। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट सक्षम करके तेज गति से दिशा प्रदान करने काम किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : बिहार में फ्लोर टेस्ट के पहले नेताओं के ठिकानों पर छापा

जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के संबंध में केंद्र की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा ताकि हमारी कृषि विषाक्त मुक्त हो सके। किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेत – खलिहान से लेकर बाजार तक एक संपूर्ण गुणवत्तापूर्ण श्रृंखला बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। किसान आत्महत्या रोकने के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के समन्वय से व्यापक कार्य योजना तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में एक व्यापक नीति जल्द ही घोषित की जाएगी।

-Youtube/MetroCitySamachar 

Show More

Related Articles

Back to top button